सरिता अपनी रचनाओं और लेखों में बौद्धिक रूप से प्रगतिशील और जागरूक बने रहने का प्रयास करती है. पत्रिका राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक मामलों और साहित्य, कला, संस्कृति के अलावा जीवन के अन्य सभी बारीक पहलुओं में भी संतुलन बनाए रखती है.
सरिताअपनीरचनाओंऔरलेखोंमेंबौद्धिकरूपसेप्रगतिशीलऔरजागरूकबनेरहनेकाप्रयासकरतीहै。 पत्रिकाराजनीतिक,सामाजिक,आर्थिकमामलोंऔरसाहित्य,कला,संस्कृतिकेअलावाजीवनकेअन्यसभीबारीकपहलुओंमेंभीसंतुलनबनाएरखतीहै。